OSHO RAM RAS PIYA RE
🌹 जब तक दुनिया में आदर्श हैं, तब तक दुनिया में पाखंड रहेगा!
अगर चाहते हो दुनिया गैर-पाखंडी हो जाये तो आदर्शों को नमस्कार कर लो, विदा कर दो -- फिर तुम देखो कोई पाखंड नहीं।
तुमने इतनी छोटी-सी बात, इतनी सीधी-साफ गणित की, विज्ञान की बात भी देखी नहीं कभी। तुम तो थोपे ही जाते हो आदर्श!
हर बाप अपने बच्चों पर आदर्श थोप रहा है, हर समाज अपने बच्चों पर आदर्श थोप रहा है, हर पुरानी पीढ़ी नई पीढ़ी पर आदर्श थोप रही है। और फिर जब आदर्श नहीं माना जाता तो दो ही उपाय हैं -- या तो वह व्यक्ति अपराधी हो जाता है, या पाखंडी हो जाता है।
आदर्श न माने तो पाखंडी, दिखाये सिर्फ; और अगर ईमानदार हो तो फिर अपराधी! तुम विकल्प ही नहीं छोड़ते लोगों के लिये, तुमने फांसी लगा दी -- या तो अपराधी, या पाखंडी।
यह कैसा धर्म है! यह कैसी चिंतन-प्रक्रिया है! तुमने दो ही रास्ते छोड़े हैं लोगों के लिये। तो कुछ अपराधी हो जाते हैं, कुछ पाखंडी हो जाते हैं -- दोनों बातें बुरी हैं।
आदर्श से छुटकारा करो। हर बच्चे को क्षमता दो, सहारा दो कि वह स्वयं हो सके। इतनी आत्मा दो कि उसे सारे संसार के विपरीत भी लड़ना पड़े तो लड़े और खड़ा हो अपने बल से, चाहे कोई भी कीमत चुकानी पड़े।
अपनी निजता में जीकर मर जाना लाख गुना बेहतर है उस जीवन से, जो समझौतों पर खड़ा होता है! फिर न तो तुम अपराधी होओगे, न तुम पाखंडी होओगे।
इस बात से तुम्हें बहुत बेचैनी होगी क्योंकि तुम तो यही सोचते थे कि आदर्श ज्यादा से ज्यादा फैल जाएँ तो लोग पाखंडी न हों।
मैं यह कह रहा हूँ: आदर्श जितने फैलेंगे, उतने लोग पाखंडी होंगे। दोनों को विदा देना है। कम से कम मेरे संन्यासी को दोनों को विदा देना है।
करो निज की घोषणा.........💃�
💓 _*ओशो*_ 💓
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